Udham Singh Nagar: आखिर ऐसा क्या हुआ कि बिना दुल्हन के लौटी बरात
Udham Singh Nagar: थाना क्षेत्र के गांव खमरिया में दूल्हे को बिना शादी कर वापस लौटना पड़ा। सभी के होश तब उड़े जब किसी ने दुल्हन के नाबालिक होने की शिकायत पुलिस से कर दी। जिस वजह से बिना शादी किए ही दूल्हे को वापस लौटना पड़ गया। ग्राम सिसई खेड़ा से पप्पू सिंह की बरात थाना क्षेत्र के ग्राम खमरिया में शनिवार को पहुंची थी। बरात गांव में पहुंची और बैंड बाजा बजाने के बाद बरती और दुल्हन पक्ष के लोगों ने खाना भी खा लिया था। लोग डीजे पर मौज मस्ती कर रहे थे और दूल्हा दुल्हन की शादी की रस्म की तैयारी भी चल रही थी। इसी दौरान किसी ने दुल्हन के नाबालिग होने की सूचना पुलिस को दे दी।

पुलिस ने रूकवाई शादी (Udham Singh Nagar News)
मौके पर पहुंची पुलिस ने दुल्हन की उम्र के लिए दस्तावेज दिखाने को कहा तो आधार कार्ड में 18 वर्ष से कुछ दिन काम पे गए। जिस वजह से पुलिस ने शादी रुकवा दी और पूरा माहौल गर्मा गया। बिना शादी के ही दूल्हे को बारात लेकर लौटना पड़ा। शादी की तैयारी में दोनों पक्ष का काफी पैसा खर्च हुआ था।
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लड़की के बालिग होने पर होगी शादी (Uttarakhand News)
शादी न होने की वजह से दूल्हा और दुल्हन पक्ष में मायूसी छा गई। हालांकि दूल्हा पक्ष ने लड़की के बालिग होने के बाद रीति रिवाज से शादी करने के बाद पर सहमति जताई है। इस पर दोनों पक्ष में सहमति बन गई है। हालांकि, अभी तक किसी ने भी लिखित में शिकायत नहीं की है।
सरकार ने बनाया बाल विवाह मुक्त भारत अभियान पोर्टल
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा नवंबर 2024 में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान पोर्टल का शुभारंभ किया गया था। यह पोर्टल बाल विवाह जैसी प्रथाओं को रोकने के लिए बनाया गया है। यह पोर्टल लड़कियों को अपने सपने पूरा करने का रास्ता देने और बाल विवाह जैसी प्रथाओं को उनके विकास में बाधा बनने से रोकने के लिए बनाया गया है।
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बाल विवाह में इन राज्यों का बुरा हाल (Child Marriage India)
भारत के कई हिस्सों में बाल विवाह की प्रथम अभी भी व्यापक रूप से फैली हुई है। इन राज्यों में- पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, राजस्थान, त्रिपुरा, असम प्रदेश शामिल है। इन राज्यों में बाल विवाह दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। सरकार का उद्देश्य साल 2019 तक बाल विवाह की दर को 5% से नीचे लाना है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बाल विवाह दर 2006 में 47.4% थी जो 2019-21 में घटकर 23.3 प्रतिशत हो गई है।