Rahul Gandhi के ट्वीट पर मचा बवाल, मनुस्मृति पर उठाया सवाल
Rahul Gandhi: राहुल गाँधी बीते दिनों से बीजेपी पर लगातार हमला कर है। जबसे संसद का शीतकालीन स्तर शुरू हुआ है, तबसे लेकर अबतक रोजाना कांग्रेस केंद्र सरकार को सवालो में घेर रही है। एक बार फिर से राहुल गाँधी ने बीजेपी पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है। राहुल गाँधी ने लिखा- मनुस्मृति को मानने वालों को अंबेडकर जी से तकलीफ़ बेशक होगी ही।

मनुस्मृति को मानने वालों को अंबेडकर जी से तकलीफ़ बेशक होगी ही।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 17, 2024
संसद में समझाया तपस्या का मतलब (Rahul Gandhi)
संविधान पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आज संसद में ‘तपस्या’ का मतलब समझाया। लेकिन उन्होंने ऐसी-ऐसी बातें बताईं कि संसद में सभी ठहाके लगने लगे। सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष के भी कई नेता संसद में हंसते नजर आए। बाद में बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने इसका जवाब दिया। उन्होंने राहुल गांधी को तपस्या का मतलब समझाया।
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राहुल गाँधी ने क्या कहा?
राहुल गाँधी ने सदन में एकलव्य का जिक्र करते हुए कहा,जब मैं छोटा था तो देखता था कि एक बच्चा सुबह 4 बजे तपस्या करता था। वह धनुष चलाता था। खूब मेहनत करता था। जब विपक्ष ने तपस्या शब्द पर टोका तो राहुल गांधी थोड़े संभले। उन्होंने कहा, धनुष में तपस्या है, मनरेगा काम में तपस्या है। लेकिन इसके बाद राहुल गांधी जो बोल गए, उससे सांसद हंस पड़े। राहुल गांधी ने कहा-‘तपस्या का मतलब शरीर में गर्मी पैदा करना।’ यह सुनते ही पूरा सदन ठहाकों से गूंज गया। विपक्ष कहने लगा कि राहुल गांधी को शायद तपस्या का सही मतलब नहीं पता। तब राहुल गांधी कहने लगे, समझिए। तप का यही मतलब है, तपस्या का यही मतलब है।
रविशंकर ने दिया जवाब
इसके बाद रविशंकर प्रसाद को जवाब देने का मौका मिला तो उन्होंने कहा, जब मैं विपक्ष के नेता को सुन रहा था तो मुझे नया नया ज्ञान प्राप्त हो रहा था। 6-7 साल की उम्र में आदमी युवा हो जाता है, ये पहली बार सुना है। तपस्या से गर्मी आती है, ये दूसरा ज्ञान मिला। इन्हें कौन पढ़ा रहा है। मैंने पहले भी कहा है कि वो होमवर्क नहीं करते। लेकिन तपस्या जैसे पवित्र शब्द को क्यों बदनाम कर रहे हैं? कह रहे हैं कि तपस्या से गर्मी आती है। विपक्ष के नेता को समझना चाहिए कि तपस्या वो चीज है, जिससे महान ऋषियों ने समर्पण किया। शास्वत रूप से क्योंकि वे अनंत के साथ मिल गए। तपस्या ये होती है। रविशंकर प्रसाद ने कहा, तपस्या को अगर जानना हो तो एक बार गांधीजी को पढ़ लीजिए।