उत्तराखंड

Uttarakhand Forest Fire: आग से निपटने के लिए वन विभाग का दावा खोखला

Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड वन विभाग वनाग्नि को लेकर अलर्ट मोड पर है। विभाग फॉरेस्ट फायर सीजन में तापमान बढ़ने के साथ जंगलों की आग को लेकर सभी तैयारियां पूरा कर चुका है। लेकिन, अप्रैल का दूसरा हफ्ता गुजरने के बाद भी कई जिलों में इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम गठित ही नहीं किया जा सका है। इस बात से पता चल रहा है कि जंगलों में आग जैसे गंभीर घटना को लेकर जिलों में प्रशासन कितना मुस्तैद है। 

वन विभाग कर रहा पूरी तरह से तैयार होने का दवा

15 फरवरी से 15 जून तक फॉरेस्ट फायर सीजन को लेकर वन विभाग अपनी तरफ से पूरी तैयारी (Uttarakhand News) किए जाने का दावा कर रहा है। लेकिन, प्रशासन के स्तर पर शासन के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है। इस बात का पता इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम को लेकर चला है। क्योंकि अब तक ज्यादातर जिलों की तरफ से कार्रवाई नहीं की गई है। 

11 जिले नहीं दिख रहे गंभीर (Uttarakhand Forest Fire)

उत्तराखंड शासन की तरफ से दिसंबर महीने में ही जंगलों की आग को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए थे। जिलाधिकारी को भी स्पष्ट किया गया था कि वह वन विभाग को इस मामले में सहयोग करें। साथ ही इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम को भी जिलों में गठित करने के निर्देश दिए गए थे। शासन के ही एक और आदेश से इस बात का पता चल रहा है की पौड़ी और पिथौरागढ़ जिले को छोड़कर कोई भी जिला इस मामले में गंभीर नहीं दिख रहा है। यानी कि बाकी के 11 जिलों में इसके लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 

3 महीने बाद भी नहीं हुई तैयारी

हैरानी की बात है कि फॉरेस्ट फायर सीजन (Uttarakhand Forest Fire Season) के 3 महीने निकल गए हैं। लेकिन अभी तक भी इस तरह की जरूरी तैयारियां को पूरा नहीं किया जा सका है। इस तरह की प्रक्रिया जिलों में प्रशासन की गंभीरता पर सवाल खड़े कर रही है।

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