Uttarakhand Roadways करोड़ों के घाटे में, फिर भी खाली दौड़ रही बसें
Uttarakhand Roadways: अब उत्तराखंड की सड़कों पर खाली बस दौड़ाने वाले चालकों और परिचालकों की खैर नहीं। एक तरफ उत्तराखंड परिवहन निगम करोड़ों के घाटे में चल रहा है, तो दूसरी ओर चालक परिचालक बसों को खाली दौड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। किसी बस (Uttarakhand Roadways) में दो यात्री बैठे मिल रहे हैं तो किसी बस में तीन। परिवहन निगम मुख्यालय ने बसों की जांच की तब यह सच सामने आया है।
परिवहन निगम के महाप्रबंधक ने जताई नाराजगी
परिवहन निगम मुख्यालय ने जब बसों की जांच कराई तो यह सच सामने आया है। परिवहन निगम के महाप्रबंधक पवन मेहरा ने इस पर नाराजगी जताते हुए बसों की दैनिक आय का लक्ष्य तय करने का आदेश दिया है। इसके अलावा सभी डिपो के सहायक महाप्रबंधकों से इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट भेजने को भी कहा गया है।
बसों में मिल रहें बेहद कम यात्री (Uttarakhand News)
महाप्रबंधक पवन मेहरा की ओर से जारी आदेश में बताया गया की 17 मार्च और 20 मार्च को आईएसबीटी से रिस्पना पुल होकर हरिद्वार की ओर जा रही बसों की जांच की गई तो उनमें बेहद कम यात्री पाए गए हैं। इनमें पर्वतीय, ग्रामीण और हरिद्वार डिपो की बसें शामिल हैं। इस तरह ही लोहाघाट डिपो की देहरादून से जा रही बस में भी दो ही यात्री मिलें।
नैनीताल और टनकपुर मंडल की देहरादून की ओर संचालित बसों में भी यात्रियों की संख्या बेहद कम पाई गई। यह बात सामने आई है कि अधिकांश चालक देहरादून से हरिद्वार के यात्रियों को बैठाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जबकि इस रास्ते पर हरिद्वार, रायवाला और डोईवाला के यात्री पर्याप्त संख्या में खड़े रहते हैं। चालकों की मनमौजी हरकतों की वजह से यात्रियों को दूसरे राज्यों की बसों में सफर करना पड़ रहा है।
अधिकारियों पर होगी कार्रवाई (Uttarakhand Roadways)
महाप्रबंधक ने सभी मंडल और डिपो के अधिकारियों को बसों की दैनिक आय का लक्ष्य निर्धारित करने और उसके नियमित समीक्षा करने के आदेश दिए हैं। लक्ष्य के अनुसार आय अर्जित न करने वाले चालक और परिचालकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं। कहा गया है कि अगर डिपो अधिकारियों ने लापरवाही बरती तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।