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Uttarakhand: बारिश होने के बाद भी पर्वतीय इलाकों में पानी की कमी!

Uttarakhand: उत्तराखंड के कई जिलों में बारिश लगातार हो रही है। बरसात के बाद लोगों को गर्मी से राहत मिली है। लेकिन फिर भी हैरानी वाली बात है की बारिश के बाद भी लोगों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। राज्य (Uttarakhand) के शहरों जैसे देहरादून, हल्द्वानी, ऋषिकेश, टिहरी, पौड़ी, चंबा, अल्मोड़ा, विकास नगर, बागेश्वर, उत्तरकाशी आदि शहरों में लोगों को पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 

पर्वतीय इलाकों में पानी की कमी (Uttarakhand Water Scarcity)

उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में सबसे ज्यादा पीने के पानी की कमी बनी हुई है। अल्मोड़ा और बागेश्वर सहित पर्वतीय जिलों में भी लोगों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बहुत सी पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गई है। खेतों में मलवा आने की वजह से चेक डैम, सड़कों और पेयजल लाइनों को भी भारी नुकसान हुआ है। 

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गधेरों के रौद्र रूप ने क्षेत्र में किया नुकसान

मई में ऐसी बारिश (Uttarakhand Rainfall) से हर कोई हैरान हो गया है। ग्रामीणों के अनुसार भारी बारिश से 12 से 13 साल से सूखे गधेरे तक उफान पर आए हैं। गधेरों के रौद्ररूप ने क्षेत्र में काफी नुकसान पहुंचाया है। जिसकी वजह से पेयजल योजनाओं को नुकसान हुआ है। इसमें डोबीरी सियानगर पेयजल योजना, उदयपुर नई बस्ती पेयजल योजना, सोनियाखटाल गैर पेयजल योजना, रुडोली पेयजल योजना, मंगरुखाल पेयजल योजना, पत्थरखोला पेयजल योजना आदि क्षतिग्रस्त हो गई है। मंगरुखाल लिफ्ट पेयजल योजना में लगाई गई 5 एचपी की मोटर बह गई है। क्षेत्र में करीब 30,000 से ज्यादा परिवार प्रभावित हैं।

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गर्मी में बेहाल हुए लोग

हल्द्वानी में विगत दिनों सैकड़ो परिवार भीषण गर्मी (Uttarakhand News) में पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। पिछले तीन दिन से पेयजल आपूर्ति पूरी तरह से ठप रही थी। इसका कारण ट्यूबवेल सुख जाना है और मैकेनिक आने में तीन से चार दिन और रिपेयर में एक हफ्ता लगना है। लोगों को कम से कम 15 दिन तक पानी के लिए तरसना पड़ेगा। हैरानी वाली बात है कि कॉलोनी में एक भी वैकल्पिक ट्यूबवेल नहीं है जिससे संकट और गंभीर हो गया है।

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