Uttarkashi News: धराली तबाही प्राकृतिक आपदा या मानव हस्तक्षेप! क्या है वजह?
Uttarkashi News: उत्तरकाशी के धराली में हुई तबाही के बाद का मंजर काफी खौफनाक है। अभी भी कई लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। इसके अलावा हर्षिल में आर्मी कैंप के ऊपर बादल फटने से कई जवान लापता बताए जा रही है। सबके मन में सवाल है कि आखिर उत्तरकाशी के धराली में यह आपदा क्यों आई? क्या यह केवल प्राकृतिक आपदा है या एक बार फिर मानव की प्रकृति के साथ छेड़छाड़। आईए आगे पढ़ते हैं।
धराली में मौजूद खड़े पहाड़ (Uttarkashi News)
उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र के खड़ी चढ़ाई वाले पहाड़ों के बीच भारी नमी से भरे बादलों को बाहर निकालने की जगह नहीं मिली। यह बादल फटने की घटना का मुख्य कारण हो सकता है। जिससे इतना भयानक जलसैलाब आया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुराने समय में रहे उनके बुजुर्ग नदी और गधेरों के पास घर नहीं बनाते थे। उन्हें सलाह दी जाती थी कि पानी का कोई भरोसा नहीं की कहां से रास्ता बना लें। लेकिन, पता नहीं सरकार कब ऐसे कंस्ट्रक्शन पर रोक लगाएगी। टूरिज्म और भ्रष्टाचार देवभूमि पर फिलहाल हावी होता हुआ नजर आ रहा है। विकास के नाम पर पहाड़ों को बेधड़क खोदा जा रहा है। ऐसा लग रहा है की प्रकृति अपना बदला इस तरह से ले रही है।
यह भी पढ़ें: Uttarkashi Cloudburst: धराली में आई प्राकृतिक तबाही! सब घर हुए तबाह
स्वतंत्रता से हो सकता है बचाव
वर्तमान समय में मानसून के दौरान बादल फटने (uttarkashi cloudburst) की घटनाओं को रोकने का कोई वैज्ञानिक उपाय नहीं है। मानसून के दौरान बादल फटने की घटना भविष्य में दोबारा भी हो सकती है। इसलिए बेहद जरूरी है कि सतर्कता से रहा जाए।
वैज्ञानिकों का विश्लेषण (Uttarkashi Latest News)
वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले डेढ़ दशक से बादल फटने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है। धराली में मौजूद पहाड़ियां सीधी है और बहुत ऊंची भी है। जिनके बीच अक्सर बादल ठहर जाते हैं। जब बादलों में अत्यधिक नमी हो जाती है तो इनके फटने की घटना होती है। ऐसी परिस्तिथियाँ कभी-कभी होती है लेकिन जब बनती है तो भयानक तबाही मचती है। धराली में भी कुछ ऐसा ही मंजर देखने को मिल रहा है। धराली क्षेत्र की भौगोलिक संरचना बादल फटने के लिए अनुकूल है।
मानसून के दौरान होती ज्यादा घटनाएं
मानसून के दौरान बादल फटने में भयंकर (uttarkashi live update) तबाही का मंजर बन जाता है। पर्वतीय क्षेत्रों में अनेक स्थानों में खड़े और ऊंचे पहाड़ एक दूसरे से सटे हुए हैं जो बादल फटने की घटनाओं को न्योता देते हैं।
यह भी पढ़ें: Rakhi Gift For Sister: इस राखी अपनी बहन को दे शानदार स्मार्ट वॉच!
कैसे रहे सतर्क? (Uttarkashi Cloudburst)
सभी के मन में एक सवाल है कि यह प्राकृतिक संरचनाएं हैं इससे कैसे सतर्क रहा जाए? दरअसल, बादल को फटने से रोकने के लिए फिलहाल कोई भी वैज्ञानिक उपाय नहीं है। पहाड़ों में किसी भी तरह का निर्माण करने से पहले पर्यावरणीय परिस्थितियों को ध्यान में रखना होगा। इसके साथ ही भौगोलिक स्थितियों को भी समझना होगा। जिन इलाकों में बादल फट सकते हैं वहां से दूर रहना जरूरी है। इसके अलावा नदी और गधेरों के नजदीक रहने से भी दूरी बनानी होगी।
जलवायु परिवर्तन दूसरा कारण
जलवायु परिवर्तन भी हिमालय क्षेत्र में आ रही आपदाओं (uttarkashi rain) का एक बड़ा कारण है। इससे बचाव के लिए पर्यावरण को संतुलित करना होगा और पर्यावरण के अनुरूप ही कार्य करने होंगे।