Haridwar Land Scam: 54 करोड़ की जमीन का मामला! जल्द आएगी रिपोर्ट
Haridwar Land Scam: हरिद्वार में कथित भूमि घोटाले को लेकर चल रही जांच में अब तक 24 लोगों के बयान दर्ज किया जा चुके हैं। खास बात है की जांच के दौरान रूल्स का पालन नहीं करने से जुड़े राज भी खुले हैं। अगले एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट पूरी कर सबमिट करने की भी तैयारी की गई है। दरअसल, हरिद्वार के सराय में खरीदी गई करीब 38 बीघा जमीन के मामले में यह जांच चल रही है।
रिपोर्ट को फाइनल करने की तैयारी (Haridwar Land Scam)
यह सारा मामला हरिद्वार के सराय में खरीदी गई करीब 38 बीघा जमीन का है। इस मामले की जांच जल्द पूरी होने वाली है। प्रकरण की जांच की जिम्मेदारी आईएएस अधिकारी रणवीर सिंह चौहान को दी गई है। उन्होंने जांच से जुड़े सभी तथ्यों को जताने के बाद अब रिपोर्ट को फाइनल करने की तैयारी कर ली है। इस मामले में जांच अधिकारी रणवीर सिंह चौहान खरीदी गई जमीन क्षेत्र का मौका मुलायम करने के अलावा संबंधित दस्तावेजों का भी परीक्षण कर चुके हैं। इतना ही नहीं इस मामले में अब तक 24 अधिकारी और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा चुकी है।
54 करोड़ की खरीदी गई जमीन का मामला
जिला प्रशासन और नगर निगम (Haridwar News) के अधिकारियों से पूछताछ में नगर निगम द्वारा करीब 54 करोड़ की खरीदी गई जमीन के मामले में जिला प्रशासन और नगर निगम दोनों के अधिकारियों और कर्मचारियों से जबरदस्त पूछताछ हुई। साथ ही उन लोगों से भी पूछताछ की गई जिन्होंने इस जमीन को नगर निगम को भेजा है।
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संदेह के घेरे में पूरी प्रक्रिया
नगर निगम द्वारा जमीन खरीदने (Haridwar Nagar Nigam Land Scam) के प्रस्ताव से जुड़े सभी दस्तावेजों की छानबीन की गई है। साथ ही जिला प्रशासन द्वारा इस जमीन को खरीदने से ठीक पहले इसके लैंड यूज चेंज करने की प्रक्रिया को भी ध्यान में लाया गया है। जमीन खरीदने के पूरी प्रक्रिया नगर निगम हरिद्वार द्वारा सराय में जमीन को जिस प्रक्रिया के तहत खरीदा गया है पूरी प्रक्रिया ही संदेह के गहने हुए हैं।
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लैंड यूज चेंज भी समस्या की वजह
लैंड यूज चेंज (Land Use Change) करने की टाइमिंग पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। सारा मामला जमीन के दाम बढ़ाने के पीछे जिम्मेदार लैंड यूज चेंज की भूमिका को जताया जा रहा है। मौजूदा स्थिति इस ओर भी इशारा कर रही है की प्रक्रिया पर बड़े अधिकारियों को भी जांच रिपोर्ट में प्रश्नचिन्ह का सामना करना पड़ेगा। अब अंतिम सारांश को ही तय नियमों के लिहाज से लिखना बाकी है। इस प्रकरण में चार अधिकारियों पर सस्पेंशन की करवाई पहले ही हो चुकी है। माना जा रहा है कि आने वाले हफ्ते में इससे संबंधित जांच रिपोर्ट पूरी की जा सकती है।