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JNU Violence: एक बार फिर से यूनिवर्सिटी बनी युद्ध का मैदान

JNU Violence: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी देश के शीर्ष शिक्षण संस्थानों में से एक है। लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ यूनिवर्सिटी में दंगे भी होते रहते हैं। इसी वजह से यूनिवर्सिटी एक बार फिर सुर्खियों में है। आज यूनिवर्सिटी में द साबरमती रिपोर्ट फिल्म की स्क्रीनिंग चल रही थी। मूवी देखने बड़ी तादाद में स्टूडेंट पहुंचे थे। स्पेशल स्क्रीनिंग का आयोजन करने वाले छात्र संगठन का दावा है की मूवी की स्क्रीनिंग के दौरान अचानक पत्थर बाजी शुरू हो गई। गनीमत रही कि इस घटना में कुछ छात्रों को मामूली चोटे आई हैं। स्क्रीनिंग का आयोजन करने वाले संगठन ने विरोधी छात्रों पर स्क्रीनिंग को बाधित करने और पत्थर बाजी करने का आरोप लगाया है। लेकिन,जेएनयू छात्र संघ की ओर से इस पर कोई रिएक्शन नहीं दिया गया। पुलिस का कहना है कि उन्हें इस मुद्दे पर कोई शिकायत नहीं मिली है। 

एबीविपी ने रखा था स्क्रीनिंग का आयोजन

प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम के समय जेएनयू कैंपस में साबरमती रिपोर्ट की स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन किया था। संगठन से जुड़े छात्रों का दावा है की फिल्म को देखने के लिए बड़ी संख्या में छात्र जुटे थे। फिल्म के शुरू होने के बाद ही अचानक से पत्थरबाजी(JNU Violence) शुरू होने लगी। एबीवीपी का दावा है की फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान हुई पत्थर बाजी से कुछ छात्रों को मामूली चोट आई है। हालांकि यह सब दवा एबीवीपी द्वारा किया गया है। लेकिन घटनास्थल पर पत्थर(JNU Violence Video) के कुछ टुकड़े भी मिले हैं। 

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एबीपी vs  लेफ्ट विंग 

जेएनयू के एबीविपी अध्यक्ष राजेश्वर कांत दुबे ने इस घटना से संबंधित बड़ा बयान दिया है। राजेश्वर कांत ने लेफ्ट विंग से जुड़े छात्रों पर पत्थरबाजी करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। राजेश्वर ने कहा है कि कुछ छात्रों को मामूली चोटे आई हैं। इस वजह से फिल्म की स्क्रीनिंग को बीच में रोकना पड़ा। लेकिन स्थिति सामान्य होने के बाद स्क्रीनिंग को फिर से शुरू कर दिया गया था। इस घटना पर जेएनयू प्रशासन और छात्र संघ की ओर से कोई प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है। 

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