उत्तराखंड

UKSSSC LT News: राज्य में युवाओं का भविष्य कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंसा!

UKSSSC LT News: देश में फिलहाल SSC CGL परीक्षा में हुए कुप्रबंधन को लेकर युवा सड़कों पर विरोध कर रहे हैं। यह खबर सोशल मीडिया पर आग की तरह फैली हुई है। लेकिन, इससे भी भयानक स्थिति उत्तराखंड में बनी हुई है। दरअसल, यूकेएसएसएससी ने मार्च 2024 में सहायक अध्यापक एलटी ग्रेड के 1544 पदों पर वैकेंसी निकली थी। यह परीक्षा हो चुकी है…रिजल्ट भी आ चुका हैं। लेकिन, अभी तक जॉइनिंग डेट नहीं आई है। हमारे देश में लगभग हर राज्य में सरकारी परीक्षा दे रहे युवाओं की स्थिति बेहद दयनीय है। सर्वप्रथम भर्तियां सही समय पर नहीं निकलती है। अगर भर्ती निकल गई तो सही से परीक्षा नहीं होती है। और अगर परीक्षा सही से निकल गई तो परिणाम समय से नहीं आते हैं। इन सब के बाद परिणाम भी आ गए तो जॉइनिंग डेट का कोई अता पता नहीं रहता है।

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उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहते हैं की युवा और शिक्षा हमारी प्राथमिकता है। लेकिन पीछे की कहानी आप आगे खुद पढ़ सकते हैं कि कैसे भर्ती पीड़ित युवाओं को तारीख पर तारीख का लंबा सिलसिला दिया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला? (UKSSSC LT News)

उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी ने मार्च 2024 में सहायक अध्यापक एलटी ग्रेड के लिए 1544 पदों पर वैकेंसी निकाली थी। इसके बाद 18 अगस्त 2024 को परीक्षा आयोजित की गई थी। 10 जनवरी 2025 को इसका रिजल्ट घोषित किया गया। बाद में 13 जनवरी से लेकर 29 जनवरी तक पास हुए अभ्यर्थियों के दस्तावेज का सत्यापन कराया गया। दस्तावेज सत्यापन में पदों के सापेक्ष 25% अधिक अभ्यर्थियों को बुला लिया गया।

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9 फरवरी को फाइनल परीक्षा परिणाम घोषित किया गया जिसमें 131371 अभ्यर्थियों की चयन संस्तुति शिक्षा विभाग को भेजी गई। इसके बाद 192 पद कुछ समय बाद रिकमेंडेशन भेजने के लिए रिजर्व रखें। जब पास हुए अभ्यर्थी जॉइनिंग की डेट का इंतजार कर रहे थे तो अचानक संशोधित आंसर की का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। इसके बाद हाईकोर्ट ने नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक अभ्यर्थियों की सफलता पर फुल स्टॉप बन गई। अभी तक सफल अभ्यर्थी हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।

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अभ्यार्थियों ने क्या किया?

अभ्यर्थियों ने भी इस मामले में अपनी नाराजगी जाहिर कर संघर्ष किया। अभ्यर्थियों का संघर्ष देख 4 जून को उत्तराखंड हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सारी याचिका को खारिज करके 3 महीने के अंदर नियुक्ति करने का आदेश विभाग को दे दिया। लेकिन, अभ्यर्थियों के जीवन में अभी और संघर्ष लिखा है। एक-दो अभ्यर्थी भर्ती में आरक्षण के मामले को लेकर फिर से कोर्ट चले गए। हालांकि कोर्ट ने इस पर भी स्टे दे दिया और अभी तक नियुक्ति कछुए की चाल से चल रही है। हालांकि 5 अगस्त को इस मामले में सुनवाई हुई है। हाईकोर्ट ने आश्वाशन दिया है कि एक हफ्ते में इस मामले पर आखिरी फैसला आएगा। अभ्यर्थी को कहना है कि अगर हाई कोर्ट अपनी बात पर नहीं टीका तो सभी अभ्यर्थी गैरसैंण सत्र जाएंगे और प्रदर्शन करेंगे।

अंधकार में अभ्यर्थियों का जीवन (UKSSSC LT News Latest)

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चयनित हुए अभ्यर्थियों का जीवन इस समय अंधकार में नजर आ रहा है। चयनित सहायक अध्यापक इससे पहले भी अपनी नियुक्ति के लिए निदेशालय के बाहर भारी संख्या में रैली निकाल चुके हैं। उन्होंने सरकार और शिक्षा विभाग पर नियुक्ति को लटकाने का आरोपी लगाया है। इससे पहले भी अतिथि शिक्षकों के द्वारा इस सीधी भर्ती में अधिमानी अंकों की मांग करते हुए इस भर्ती को 6 महीने तक कोर्ट में लटका कर रखा गया था। जिसमें नैनीताल हाईकोर्ट ने अतिथि शिक्षकों की याचिका को खारिज किया और रिजल्ट जारी करने का आदेश दे दिया था। लेकिन अब चयन संस्तुति होने के बाद फिर से सरकार आयोग द्वारा कछुए की चाल की तरह काम किया जा रहा है। जिस वजह से भर्ती प्रक्रिया को 6 महीने से लटकाया गया है। चयनित अभ्यर्थियों के साथ-साथ उनके परिवार वाले भी परेशान है। सभी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं और भूख हड़ताल करने को विवश है।

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सरकार, शिक्षा विभाग और आयोग पर आरोप

चयनित अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग,सरकार, शिक्षा विभाग यह तीनों। कोर्ट में महीनों तक अपने को डिफेंड नहीं कर पाते, अपने वकील हियरिंग में खड़े नहीं कर पाते, कागज समय पर सबमिट नहीं करते, कोर्ट में भ्रामक तथ्य प्रस्तुत करके भर्ती प्रक्रिया को अटकाने, लटकाने, भटकाने के प्रयास करते जा रहे है और तारीख पर तारीख मांगते रहते है।

बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ (UKSSSC LT Joining)

Image Credit: Amarujala

यह मामला सिर्फ 1371 LT चयनित भावी हाईस्कूल हाईस्कूल शिक्षकों को रोजगार दिलाने का ही नहीं है। बल्कि, राज्य के शिक्षक विभिन्न विद्यालयों को और उनमें पढ़ रहे बच्चों के भविष्य पर मंडरा रहे खतरे को खत्म करने का मामला भी है। यह बेहद जरूरी है कि हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचे। और यह तभी संभव होगा जब स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों की तैनाती होगी।

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