Rishikesh में कड़कड़ाती ठंड में ‘जानकी रसोई’ बांट रही मुफ्त नाश्ता
Rishikesh: उत्तराखंड के ऋषिकेश में कड़कड़ाती सर्दियों में कुछ लोग गरीबों और राहगीरों के लिए देवदूत की भूमिका निभा रहे हैं। सभी लोग जानकी रसोई नाम से एक पहल चला रहे हैं। इस पहल के तहत सभी को मुफ्त में चाय नाश्ता कराया जाता है। जानकी रसोई (Rishikesh Best Food) के सदस्य द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह सेवा पिछले 6 साल से चली आ रही है।

72 सीढ़ी के पास स्थित है जानकी रसोई (Rishikesh Janki Rasoi)
ऋषिकेश(Rishikesh) के 72 सीढ़ी श्री गंगेश्वर महादेव मंदिर के आस्था पथ पर जानकी रसोई स्थित है। हर सर्दी में जरूरतमंदों और गरीबों के लिए सुबह 4:00 बजे से 8:00 बजे तक चाय नाश्ते की सुविधा दी जाती है। यह सेवा सर्दी की शुरुआत से लेकर शिवरात्रि तक चलती है। शिवरात्रि के बाद ठंड कम होने के साथ ही एक विशाल भंडारे किया जाता है और इस सेवा का समापन किया जाता है। रसोई का उद्देश्य हर व्यक्ति को राहत देना है, जिसे सर्दी की सुबह में गर्म चाय और नाश्ते की जरूरत होती है।
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राहगीरों बस यात्रियों और AIIMS आने वालों की हो रही सेवा
ऋषिकेश (Rishikesh Tourism) में यात्री लगातार आते रहते हैं। इसके अलावा ऋषिकेश से ही लोग गढ़वाल में अपने गांव भी जाते हैं। इस वजह से सर्दियों में अक्सर दुकान देर से खुलता है और राहगीरों, बस यात्रियों और एम्स जाने वालों को चाय नाश्ते की दिक्कत होती है। इस दुविधा को हल करने के लिए जानकी रसोई की सेवा शुरू की गई। जानकी रसोई की यह सेवा मानवता का बेहतरीन उदाहरण है।
अपने से ज्यादा दूसरों के बारे में सोचना
जानकी रसोई की सेवा से समाज में यह संदेश जाता है की अपनी सहूलियत के बारे में न सोचते हुए दूसरों की मदद के लिए भी आगे बढ़ना चाहिए। ऐसा करने से समाज में बदलाव लाना संभव है।