उत्तराखंड

Uttarakhand: मंत्र बोलना नहीं आता तो विकास क्या करेंगे- पंडित कपिल जौनसारी

Uttarakhand: उत्तराखंड राज्य में संस्कृत भाषा को द्वितीय राज्य भाषा का दर्जा दिया जाता है। लेकिन उत्तराखंड में ही राज्य के नेता हिंदी और संस्कृत भाषा को पढ़ने और बोलने में विफल दिखाई दे रहे हैं। ऋषिकेश में मेयर पद के शपथ ग्रहण समारोह में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है। 

संस्कृत श्लोक का सही उच्चारण नहीं कर पाए नेता

ऋषिकेश में मेयर शपथ ग्रहण समारोह में उत्तराखंड (Uttarakhand) के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल अपने भाषण के अंतिम छोर पर संस्कृत का श्लोक पढ़ रहे थे। लेकिन वह उसे श्लोक का सही उच्चारण करने में नाकाम रहे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैं। 

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संस्कृत छात्रों में आक्रोश

उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (premchand aggarwal viral video) ने अपने भाषण के अंतिम छोर पर एक संस्कृत का श्लोक पढ़ा लेकिन, वह संस्कृत का श्लोक पढ़ने में असफल रहे और गलत उच्चारण कर दिया। इस घटना के बाद से राज्य में संस्कृत छात्रों ने आक्रोश व्यक्त किया है। 

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मंत्र बोलना नहीं आता तो यह विकास क्या करेंगे- पंडित कपिल जौनसारी

संस्कृत छात्र नेता पंडित कपिल शर्मा जौनसारी ने धामी सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि खुद को इतने बड़े दिग्गज नेता कहलाने वाले मंत्री को सर्वे भवंतु सुखिनः तक सही से बोलना नहीं आ रहा है, तो यह विकास क्या करेंगे। 

संस्कृत छात्र नेता ने यह भी कहा कि एक को हिंदी पढ़नी और बोलनी नहीं आती तो दूसरे को संस्कृत का श्लोक। यह क्या संस्कृत भाषा को आगे बढ़ाएंगे। इसके अलावा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के कार्यालय में बंद पड़ी फाइलों तक ही राज्य की दूसरी भाषा सीमित है। 

भविष्य में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को होगा नुकसान

छात्र नेता ने कहा कि सरकार के कार्यालय में बंद फाइलों तक ही राज्य की दूसरी भाषा संस्कृत सीमित है। इसका नुकसान भविष्य में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को हो सकता है। संस्कृत भाषा के साथ इस तरह का खिलवाड़ करना गलत है। कपिल शर्मा जौनसारी ने संस्कृत पढ़ने व पढ़ाने वाले शिक्षकों से भी अपील की है कि अभी भी समय है संस्कृत भाषा को बचाने के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है। 

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